योग एक प्राकृतिक जीवन पद्धति है। प्रकृति के विरुद्ध चलने अथवा कार्य करने के कारण प्राकृतिक सामन्जस्य अवरुद्ध होने लगता है परिणामस्वरूप विकृतियाँ उत्पन्न होना प्रारम्भ होता है जिनकी बहुधा अंतिम परिणित विभिन्न प्रकार के मानसिक एवं शारीरिक रोगो में होती है.